तà¥à¤µà¤šà¤¾ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं में कीकर गोंद
आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, बबूल à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही उतà¥à¤¤à¤® औषधि है। इसलिठअगर आप बीमारियों में बबूल का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हैं निःसंदेह आपको बहà¥à¤¤ फायदा मिल सकता है। आइठजानते हैं कि जिस पेड़ को बहà¥à¤¤ ही साधारण समà¤à¤¾ जाता है, उस बबूल से कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ लाठमिल सकता है।
जिस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को गोंद से à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ हो, उसे à¤à¥€ इसके सेवन से बचना चाहिà¤à¥¤
दाद (खà¥à¤œà¤²à¥€) को ठीक करने के लिठबबूल के फूलों को सिरके में पीस लें। इसे खà¥à¤œà¤²à¥€ (दाद) वाले अंग पर लगाà¤à¤‚। दाद और खà¥à¤œà¤²à¥€ में लाठहोता है।
उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ से आप कà¥à¤¯à¤¾ समà¤à¤¤à¥‡ हैं उतà¥à¤¤à¤° - utpaadan se aap kya samajhate hain uttar
बबूल, जामà¥à¤¨ और फूली हà¥à¤ˆ फिटकरी को मिलाकर काढ़ा बना लें और फिर उससे कà¥à¤²à¥à¤²à¤¾ करें। नियमित तौर पर à¤à¤¸à¤¾ करने मà¥à¤‚ह के कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रोग ठीक हो सकते हैं।
पतंजिल का बबूलयà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤‚स दंत कांति मंजन खरीदने के लिठयहां कà¥à¤²à¤¿à¤• करें।
’। अब आप सोच रहे होंगे कि इन गानों का जिकà¥à¤° यहां कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किया जा रहा है? तो...
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कंजकà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤¾à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤¸ का मतलब होता है आà¤à¤– आना।
à¤à¤• काà¥à¤¾ तैयार करके लसà¥à¤¸à¥€ के साथ पीने से पेट की समसà¥à¤¯à¤¾ से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ पाया जा सकता है।
इसी तरह बबूल की कोमल टहनियों से दातून करने से à¤à¥€ दांतों की बीमारी ठीक होती है। click here दांत मजबूत होते हैं।
पतंजली अशà¥à¤µà¤¶à¤¿à¤²à¤¾ कैपà¥à¤¸à¥‚ल :फायदे नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨
बबूल के पतà¥à¤¤à¥‡ तथा तने की छाल का काढ़ा बनाकर आंखों को धोà¤à¤‚। इससे आंंखों की अनà¥à¤¯ बीमारी à¤à¥€ ठीक हो जाती है।
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